गजब घोटाला: सरकारी अस्पतालों में लापरवाही के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं, लेकिन कोडरमा के एक सरकारी अस्पताल से जो मामला सामने आया है, उसको सुनकर पूरा शहर हैरान है। दरअसल, कोडरमा के सतगावां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक महिला का 12 बार प्रसव करा दिया गया। यही नहीं, यहां अविवाहित पुरुषों को मातृत्व योजना का लाभ दिया गया। योजना को लेकर बड़ा घोटाला सामने आने के बाद उपायुक्त ने जांच कमेटी का गठन किया है और दोषी कर्मी से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन का उद्देश्य
केंद्र सरकार के राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के द्वारा गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की मृत्यु दर को कम करने के लिए गर्भवती महिलाओं को पंजीकृत स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। सरकार ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को जननी सुरक्षा योजना के तहत 1400 रुपये प्रोत्साहन देती है। सतगावां के सामुदायिक स्वास्थ्य में पदाधिकारी और कर्मियों की मिलीभगत से यहां एक दिन में एक महिला की आठ से 12 बार डिलीवरी दिखा दी गई। वहीं, सरकारी अस्पताल में प्रसव के बाद महिलाओं को मिलने वाली योजना की प्रोत्साहन राशि अविवाहित पुरुषों को दे दी गई।
जांच टीम का गठन
विभागीय जानकारों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में 50 लाख रुपये से अधिक की हेराफेरी की गई है। वित्तीय गड़बड़ी की भनक लगने पर फिलहाल स्वास्थ्य विभाग ने सतगावां सामुदायिक स्वास्थ्य के विभागीय खाते को फ्रिज कर दिया है। उपायुक्त मेघा भारद्वाज ने पूरे मामले की गहनता से जांच को लेकर डीडीसी ऋतुराज के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है। वहीं, सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के क्लर्क सह प्रखंड लेखा प्रबंधक अजीत कुमार से स्पष्टीकरण की मांग की गई है।
हेराफेरी का तरीका
विभाग ने दिखाया कि जननी सुरक्षा योजना के 1400 रुपये 22 जनवरी 2024 को अंजू कुमारी के खाते में 13 बार, अतुल चौधरी को 14, दिनेश चौधरी 10 और चंचला कुमारी को 13 बार प्रोत्साहन राशि दी गई। इसी तरह, 4 अक्टूबर 2023 को आरती कुमारी के खाते में 3 बार, चंचला कुमारी को 8 बार, गिरिजा देवी, फातिमा खान, लक्ष्मी कुमारी, मंजू चौधरी, प्रिया कुमारी, सरस्वती साव, पूजा कुमारी, मंजू देवी और सृष्टि कुमारी के खाते में 8-8 बार डाले गए हैं। इनके अलावा इसी दिन काजल कुमारी के नाम पर 4, खुशबू कुमारी 6, ललिता देव, मनीषा कुमारी, नीतू कुमारी और प्रीति कुमारी को 3-3 बार प्रोत्साहन राशि दी गई। ये नाम बस उदाहरण हैं। गड़बड़ी की लिस्ट काफी लंबी है। विभागीय जानकारों के अनुसार, जिनका संस्थागत प्रसव नहीं कराया गया, उनके नाम पर भुगतान दिखा दिया गया। इस हेराफेरी की लिस्ट में अधिकांश लाभुक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के विभिन्न पदाधिकारी और कर्मियों के पारिवारिक सदस्य हैं।