कोडरमा में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में उतरीं शालिनी गुप्ता ने अपने नॉमिनेशन के बाद समर्थकों के बीच उत्साह का माहौल बनाया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका प्रमुख मुद्दा कोडरमा के अभ्रक और पत्थर व्यवसाय को पुनर्जीवित करना है। उन्होंने कहा कि कोडरमा कभी “अभ्रक नगरी” के नाम से जाना जाता था, लेकिन आज वहां के मजदूर और मालिक दोनों ही परेशान हैं। उन्होंने वादा किया कि अगर उन्हें जनता का आशीर्वाद मिलता है, तो वे इस व्यवसाय को वैधता दिलाने के साथ ही रोजगार के अवसर सृजित करेंगी।
शालिनी गुप्ता का विजन: शिक्षा, रोजगार, और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार
शालिनी गुप्ता ने कोडरमा की शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि कोडरमा से पढ़ाई, कमाई और दवाई के लिए लोगों को पलायन करना पड़ता है, जो क्षेत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। उनका वादा है कि अगर वे चुनी जाती हैं, तो कोडरमा में उच्च स्तर की शिक्षा, रोजगार के अवसर और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी, ताकि लोगों को बाहर जाने की जरूरत न पड़े।
निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने पर शालिनी गुप्ता का दृष्टिकोण
शालिनी गुप्ता, जो 2019 में आजसू के टिकट से चुनाव लड़ी थीं, इस बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं। जब उनसे पूछा गया कि आजसू और बीजेपी के गठबंधन का चुनाव पर क्या प्रभाव पड़ेगा, उन्होंने कहा कि पार्टियों के गठबंधन का निर्णय जनता से ऊपर नहीं होता। जनता का समर्थन और नेतृत्व का गठबंधन ही चुनाव में निर्णायक साबित होता है। उन्होंने आम जनता से अपील की कि वे लोकतंत्र की इस सबसे बड़ी शक्ति का प्रयोग करें और परिवर्तन की इस मुहिम में अपनी भूमिका निभाएं।