गिरिडीह जिले के गौरखंभा बभनी निवासी 13 वर्षीय धनंजय कुमार की झोलाछाप डॉक्टर द्वारा किए गए इलाज के बाद तबीयत बिगड़ गई। परिजन उसे सदर अस्पताल कोडरमा लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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मंगलवार को धनंजय को सर्दी और बुखार की समस्या थी। परिजनों ने तारानाको चौक स्थित झोलाछाप डॉक्टर विनोद कुमार ठाकुर से उसका इलाज कराया। डॉक्टर ने उसे एक इंजेक्शन दिया, जिसके बाद उसकी स्थिति खराब हो गई। परिजन तुरंत उसे सदर अस्पताल ले गए, लेकिन वहां चिकित्सकों ने उसे मृत पाया।
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा
घटना की सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा। परिजनों का आरोप है कि झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से धनंजय की जान गई। इस मामले में पुलिस द्वारा आगे की जांच की जा रही है।
पाठकों के लिए सुझाव
- झोलाछाप डॉक्टर से बचें: अनजान और अप्रशिक्षित डॉक्टरों से इलाज कराने से परहेज करें।
- सरकारी अस्पताल जाएं: स्वास्थ्य समस्याओं के लिए प्राथमिकता सरकारी और अधिकृत अस्पतालों को दें।
- स्थानीय स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी लें: अपने इलाके में चल रहे स्वास्थ्य योजनाओं और कैंपों की जानकारी रखें ताकि सही समय पर सही इलाज मिल सके।