सतगावां प्रखंड के कई गांवों की गरीब महिलाओं से लोन दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी की घटना सामने आई है। माइक्रोफाइनेंस का फील्ड मैनेजर बनकर ठगों ने लगभग 50 से अधिक महिलाओं को अपना शिकार बनाया। महिलाओं ने जिला मुख्यालय पहुंचकर पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई। ठगी की यह घटना गिरिडीह और सतगावां प्रखंड के कई पंचायतों में हुई है, जहां महिलाओं को लोन देने का झांसा देकर उनसे 8 से 10 लाख रुपये ठग लिए गए।
लोन के नाम पर झांसा और ठगी
महिलाओं को रोजगार के लिए लोन देने के नाम पर ठगों ने उन्हें बेहद कम ब्याज दर पर लोन का वादा किया। इसके बाद, ठगों ने समूह में लोन देने की बात कहकर महिलाओं से कुछ पैसा अग्रिम रूप से ले लिया। जब महिलाएं लोन मिलने की उम्मीद में कोडरमा में बताए गए ब्रांच ऑफिस गईं, तो वहां पहुंचकर ठगों के मोबाइल बंद मिले। इसके बाद महिलाएं ठगी का शिकार होने का अहसास करते हुए पुलिस की शरण में पहुंचीं।
ठगों ने महिलाओं के दस्तावेज भी किए जमा
ठगों ने महिलाओं से लोन के लिए आधार कार्ड, वोटर कार्ड, बैंक खाता नंबर और पैन कार्ड जैसे दस्तावेज जमा करवाए थे। इसके साथ ही, ठगों ने फोटोग्राफ भी लिया था ताकि महिलाओं को यह विश्वास हो सके कि लोन का प्रोसेस शुरू हो चुका है। महिलाओं ने बताया कि उन्होंने लोन मिलने पर अपने छोटे-छोटे व्यवसाय शुरू करने का सपना देखा था, लेकिन ठगों ने उनकी मेहनत की कमाई को हड़प लिया।
अनुसूचित जाति की महिलाओं को बनाया निशाना
इस ठगी की घटना में ज्यादातर महिलाएं अनुसूचित जाति की थीं, जिनमें रविदास और तुरी समुदाय की महिलाएं शामिल थीं। इन महिलाओं ने लोन के लालच में अपना पैसा ठगों को सौंप दिया, लेकिन अब वे न्याय के लिए अधिकारियों के दरवाजे खटखटा रही हैं। ठगी का यह मामला पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है, और महिलाएं अब जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग कर रही हैं।