झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ के आह्वान पर कोडरमा जिले के सभी वनरक्षी अपने विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इस हड़ताल के चलते विभागीय कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है।
वनपाल के प्रोन्नति पदों में कटौती का विरोध
हड़ताल का मुख्य कारण झारखंड सरकार द्वारा 2014 की झारखंड राज्य अवर वन क्षेत्र कर्मी संवर्ग नियमावली में किए गए संशोधन के विरोध में है। सरकार ने इस नियमावली में संशोधन करते हुए वनपाल के शत-प्रतिशत प्रोन्नति के पदों में कटौती की है और 50% पदों पर सीधी नियुक्ति करने का निर्णय लिया है। इस फैसले से वनरक्षियों में गहरा असंतोष है।
जिला मंत्री का बयान
संघ के जिला मंत्री ने बताया कि 2014 की वनरक्षी नियुक्ति नियमावली के तहत ही वर्तमान में कार्यरत सभी वनरक्षियों की नियुक्ति हुई है। इस नियमावली में स्पष्ट प्रावधान था कि वनपाल के 7% पद प्रोन्नति के लिए होंगे, लेकिन सरकार ने इस प्रावधान को बदलकर वनरक्षियों के प्रोन्नति के अवसर को सीमित कर दिया है।
कठिन परिस्थितियों में कार्यरत वनरक्षी
वनरक्षी अल्प वेतन भत्ते और बिना किसी विशेष सुविधा के बावजूद जंगलों की सुरक्षा, वन्य प्राणियों की सुरक्षा और वन्य प्राणियों से लोगों की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में दिन-रात जुटे रहते हैं। दुर्गम क्षेत्रों में काम करते समय उनके जान-माल की क्षति का खतरा हमेशा बना रहता है।
सरकार से मांग: संशोधन को रद्द करें
संघ ने सरकार से मांग की है कि वनरक्षी नियुक्ति नियमावली में किए गए संशोधन को तुरंत रद्द किया जाए और इसे यथावत रखा जाए, ताकि वनरक्षियों के प्रोन्नति के अवसरों को बरकरार रखा जा सके।