कोडरमा प्रखंड अंतर्गत पंचायत पाण्डेयडीह के रत्तिथमाई गांव में एक खास जाति विशेष के लोगों को मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह रोक वहां की अन्य जातियों के लोगों द्वारा लगाई गई है। इसी विवाद को लेकर प्रजापति समुदाय के लोग उपायुक्त को आवेदन देने आए हैं। उनके अनुसार, इस भेदभावपूर्ण व्यवहार का सामना वे कई वर्ष से कर रहे हैं।
मंदिर में प्रवेश पर रोक का विवाद
प्रजापति समुदाय ने आवेदन में लिखा है कि पंचायत पाण्डेयडीह के अंतर्गत रत्तिथमाई गांव में, उन्हें मंदिर में प्रवेश से रोका जा रहा है। इस घटना की शुरुआत वर्ष 2023 से हुई, जब गांव के प्रभावशाली लोगों ने पूजा-पाठ करने पर प्रतिबंध लगाया। खासकर 2021 में होली के समय डीजे बजाने को लेकर एक विवाद हुआ था, जिसमें गांव के प्रमुख लोगों जैसे पांडे, यादव और बैजनाथ साव ने डीजे पर रोक लगा दी थी, क्योंकि युवाओं की हरकतों को लेकर चिंता जताई गई थी। यह विवाद तब और बढ़ गया जब 2022 में मंदिर में प्रजापति समुदाय के लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगा दी गई।
तालाब और सिंचाई में भी भेदभाव
मंदिर में प्रवेश पर रोक के साथ-साथ, तालाब के पानी का उपयोग और मछली पकड़ने पर भी प्रजापति समुदाय के लोगों को प्रतिबंधित किया गया है। उनका कहना है कि यह प्रतिबंध 2023 से लगाया गया है, जिसके तहत उन्हें सिंचाई के लिए तालाब का पानी इस्तेमाल करने और मछली पकड़ने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
प्रजापति समुदाय के 50 परिवार प्रभावित
गांव में प्रजापति समुदाय के लगभग 50 परिवार रहते हैं, जिनमें से कई लोग सामुदायिक भेदभाव का सामना कर रहे हैं। सोना यादव, जिनके पिता बंशी यादव हैं और जो एक पारा शिक्षक हैं, ने भी बताया कि उनके समुदाय को भी पूजा और सामाजिक गतिविधियों से दूर रखा जा रहा है। यहां तक कि जो लोग उनके घर आते हैं, उन्हें भी डांट-फटकार कर भगा दिया जाता है।
2023 से चल रहे विवाद पर कोई समाधान नहीं
प्रजापति समुदाय के लोगों ने बताया कि 2023 से इस विवाद के चलते गांव का माहौल तनावपूर्ण है। हालांकि, उन्होंने पहले कभी उपायुक्त को आवेदन नहीं दिया, क्योंकि वे गांव के मान-सम्मान की बात सोचते रहे। लेकिन अब इस भेदभाव से तंग आकर वे न्याय की मांग कर रहे हैं।
उपायुक्त से न्याय की उम्मीद
प्रजापति समुदाय के लोग अब उपायुक्त को आवेदन देकर अपनी समस्या का समाधान चाहते हैं। उन्होंने मांग की है कि उन्हें भी मंदिर में पूजा करने का अधिकार दिया जाए, क्योंकि वे भी हिंदू धर्म से ताल्लुक रखते हैं। उनका कहना है कि सनातन धर्म में पूजा पर किसी तरह की रोक लगाना अनुचित है और इसके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जानी चाहिए।
महासंघ के महामंत्री की राय
इस विवाद को लेकर कुम्हार महासंघ के महामंत्री ने भी अपनी चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि इस तरह के भेदभावपूर्ण घटनाएं समुदाय में तनाव पैदा करती हैं। उन्होंने बताया कि पहले भी स्थानीय विधायक डॉ नीरा यादव को इस मुद्दे पर आवेदन दिया गया था, लेकिन कोई संज्ञान नहीं लिया गया। अब, उपायुक्त से न्याय की गुहार लगाई जा रही है ताकि इस विवाद का समाधान हो सके।
सार्वजनिक मंदिर में पूजा की मांग
प्रजापति समुदाय के लोग सार्वजनिक मंदिर में पूजा करने की अनुमति की मांग कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि प्रशासन हस्तक्षेप कर इस भेदभावपूर्ण रोक को हटाए और उन्हें भी गांव के मंदिर में पूजा करने का अधिकार मिले।