कोडरमा कोर्ट ने तत्कालीन कांग्रेस जिलाध्यक्ष शंकर यादव की हत्या के मामले में सोमवार को तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम गुलाम हैदर की अदालत ने मुनेश यादव, रामदेव यादव और नरेश यादव को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई। मुनेश यादव को 302/34 आईपीसी के तहत सश्रम आजीवन कारावास और ₹50,000 का जुर्माना लगाया गया। रामदेव यादव और नरेश यादव को भी 120 बी और 302 /34 आईपीसी के तहत दोषी पाया गया और ₹25,000 जुर्माने के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
सभी आरोपियों को विभिन्न धाराओं में सजा
अदालत ने पवन यादव को 25 वर्ष सश्रम कारावास और ₹25,000 का जुर्माना लगाया। सभी आरोपियों को 307 आईपीसी के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास और ₹5,000 जुर्माना, और एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत 12 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। कोर्ट ने कहा कि जुर्माने की राशि न चुकाने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
हत्या की साजिश और विस्फोटक का प्रयोग
शंकर यादव की हत्या एक सुनियोजित साजिश का परिणाम थी। आरोपियों ने उनके माइंस को लेकर विवाद के बाद रास्ते में विस्फोटक लगाकर उनकी स्कॉर्पियो वाहन को उड़ा दिया था। इस घटना के बाद शंकर यादव की पत्नी हेमलता देवी ने चंदवारा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक एंजेलिना बारला और अधिवक्ता सुरेश यादव ने कार्रवाई की, जबकि बचाव पक्ष की ओर से अनवर हुसैन, तारकेश्वर मेहता और दीपक गुप्ता ने दलीलें पेश कीं। अदालत ने सभी साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर फैसला सुनाया।