कोडरमा कोर्ट ने 16 वर्षीय नाबालिग से जबरन दुष्कर्म के प्रयास के मामले में आरोपी विकास कुमार (21) को 13 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई। न्यायाधीश गुलाम हैदर की स्पेशल पॉक्सो अदालत ने विकास को दोषी पाया और साथ ही ₹15,000 जुर्माना भी लगाया। जुर्माना न देने पर एक वर्ष अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
साथ-साथ चलने वाली सजाएं
अदालत ने आईपीसी की धारा 450 के तहत सात वर्ष की कारावास और ₹3,000 जुर्माना लगाया। धारा 506 के तहत चार वर्ष की सजा और ₹2,000 जुर्माना, और धारा 323 के तहत छह महीने की सजा और ₹500 जुर्माना लगाया गया। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी, और जुर्माना न देने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
मामले का विवरण
यह मामला तिलैया थाना क्षेत्र का है, जहाँ 2013 में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, विकास कुमार ने 10वीं कक्षा में पढ़ने वाली 16 वर्षीय नाबालिग के साथ जबरन दुष्कर्म का प्रयास किया था।
अभियोजन की भूमिका
मुकदमे के दौरान अभियोजन का संचालन लोक अभियोजक एंजेलीना बराला ने किया। उन्होंने सभी गवाहों का परीक्षण कराया और न्यायालय से अभियुक्त को कड़ी सजा देने का आग्रह किया।
बचाव पक्ष की दलीलें
बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता गोविंद कुमार ने अदालत में दलीलें पेश कीं, लेकिन न्यायालय ने सभी गवाहों और साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद अभियुक्त को दोषी पाया और सजा सुनाई।